होली पर हिंदी कविता

होली का त्योहार रंगों का त्योहार है। पकवानों का त्यौहार है, हर नफरत और मनमुटाव को भूलकर एक होने का त्यौहार है, और हमारी सभ्यता, संस्कृति का त्यौहार है, बूढ़े, बच्चे, जवान हर किसी को रंग लगाकर प्यार और आशीर्वाद बाँटने का त्यौहार है। इसी प्यार और स्नेह के त्यौहार पर एक सुंदर कविता –

Usha  Patel

रंग जमाती होली

रंग जमाती होली आई,
ठिठोली की हमजोली आई। 
महक उठा फागुन जैसे,
खुशियों की बहार आई। 
होली आई होली आई,
सतरंगी बौछारें लाई। 
नीला, पीला रंग गुलाबी,
पिचकारी ने धूम मचाई। 
गुजिया, भुजिया मिठाई की,
देखो कैसी महक आई। 
कहीं भांग की कुल्फी देखो,
कैसे कैसे रंग जमाई। 
पिचकारी और गुब्बारे से,
देखो कैसे समां बनाया। 
सब द्वेष भाव भुलकर
आपस में गले लगाया। 
कहीं तो है बच्चों की टोली,
प्रेम की जैसे कोई डोली। 
जमा रंग चारों दिशाओं,
मस्ती का त्यौहार होली। 
मस्ती करती इतराती आई,
सबके चेहरे पर खुशियाँ लाई। 
होली आई होली आई,
रंग रंगीली होली आई। 

लेखिका- उषा पटेल

छत्तीसगढ़, दुर्ग

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