गिन्नौरगढ़ की गोंड रानी कमलापति का इतिहास

Gond Rani Kamlapati
फोटो गूगल सर्च से लिया गया है

रानी कमलापति सीहोर जिले के सलकनपुर के राजा कृपाल सिंह सरोतिया की सुपुत्री थी। कृपाल सिंह रानी कमलापति की बुद्धिमानी और बहादुरी को देखते हुए उनको राज्य का सेनापति घोषित किए थे। माना जाता है कि उन्हें तलवारबाजी और घुड़सवारी का शौक था।

रानी कमलापति का विवाह गिन्नौरगढ़ के गोंड राजा सूरज शाह के बेटे निज़ाम शाह के साथ हुई थी। निज़ाम शाह की सात पत्नियाँ थी। रानी कमलापति निज़ाम शाह की सातों पत्नियों में से सबसे सुंदर थी जिसके कारण निज़ाम शाह की प्रिय रानी थी।

कहा जाता है कि रानी कमलापति अपने शासनकाल में जल प्रबंधन से संबन्धित कई उत्कृष्ट कार्य किए थे। जगह-जगह उद्यान और मंदिरों की स्थापना करवाई।

वही आलम शाह बाड़ी का शासक था। और जो कि निजाम शाह का भतीजा था उसकी नज़र निज़ाम शाह की संपत्ति पर थी। आलम शाह ने अपने चाचा निज़ाम शाह की हत्या के लिए कई बार षड्यंत्र रचा मगर वह कभी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाया।

आलम शाह किसी भी तरह निज़ाम शाह की संपत्ति को हथियाना चाहता था। इसके लिए उसने 1720 में निज़ाम शाह को खाने पर अपने घर बुलाया और वहां निज़ाम शाह को धोखे से खाने में ज़हर मिलवा कर उनकी हत्या करवा दी। इस प्रकार आलम शाह ने निज़ाम शाह की हत्या कर दी।

निज़ाम शाह की हत्या के बाद

निज़ाम शाह की हत्या के बाद रानी कमलापति अकेली पड़ गई। परंतु वह आलम शाह के षड्यंत्र और मंसूबों को समझ चुकी थी। वह किसी भी तरह अपने पति निज़ाम शाह के मौत का बदला लेना चाहती थी।

निज़ाम शाह ने रानी कमलापति के नाम से गिन्नौरगढ़ से दूर भोपाल में स्थित रानी कमलापति महल बनवाया था। निज़ाम शाह के मौत के बाद रानी कमलापति अपने बेटे नवल शाह के साथ गिन्नौरगढ़ से भोपाल स्थित कमलापति महल में आ गई। और इस तरह अपने बेटे के साथ वह रानी कमलापति महल आकर रहने लगी। 

पति के मौत का बदला लेने के लिए रानी कमलापति मित्र मोहम्मद ख़ान से सहायता ली

अब अपने पति के मौत का बदला लेने के लिए उन्होंने मित्र मोहम्मद ख़ान से सहायता लेनी चाहि। मोहम्मद ख़ान ने इस युद्ध के लिए कमलापति से मोटी धनराशि की माँग की और कमलापति ने उनकी माँग को पूरा करते हुए मोहम्मद ख़ान को आलम शाह से युद्ध करने के लिए कहा।

रानी कमलापति के कहने पर मोहम्मद ख़ान ने आलम शाह से युद्ध कर उसे पराजित किया और इस तरह रानी कमलापति ने अपने पति की हत्या का बदला लेकर गिन्नौरगढ़ का शासन भार संभाला था।

रानी कमलापति गिन्नौरगढ़ की आखिरी गोंड साम्राज्य की  महिला शासक थी। 

जीत के बाद रानी ने मोहम्मद ख़ान को भोपाल का एक हिस्सा दे दिया। लेकिन कुछ समय पश्चात मोहम्मद ख़ान ने रानी कमलापति से गिन्नौरगढ़ का साम्राज्य हड़पना चाहा। रानी कमलापति जो मोहम्मद खान को अपने भाई की तरह मानती थी। परंतु उन पर बुरी नज़र थी। जो नवल शाह को अच्छा नहीं लगा।  तब मोहम्मद ख़ान और नवल शाह में युद्ध हुआ और युद्ध के दौरान 14 साल के नवल शाह की मृत्यु हो गई।

युद्ध में हार और नवल शाह की मृत्यु की ख़बर सुनते ही रानी ने अपने आत्मसम्मान की रक्षा करते हुए महल की तरफ़ जो बांध था उसका पानी खोलने को कहा, जिसके कारण महल के तरफ जो सकरा रास्ता  जाता था उससे होकर पानी महल में प्रवेश कर गया और इस तरह महल धीरे-धीरे पानी में डूबने लगा, जिसमें रानी ने अपने आप को जल समाधि ले ली। 

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