आपके हौसले, इरादे, आत्मविश्वास, दुनियादारी, प्रेम और समर्पण पर कविता
लेखक के क़लम द्वारा पाठकगण से एक गुज़ारिश
नज़र
दुनिया आपको किस नज़र से देखती है,
या फिर
आप दुनिया को किस नज़र से देखते हैं,
ये बात बिल्कुल भी मायने नहीं करता,
फर्क सिर्फ इस बात से पड़ता है,
कि आप स्वयं को किस नज़र से देखते हैं।
जब तक आप अपनी नज़र में हैं,
तब तक दुनिया की कोई भी ताकत,
आपके इरादों को, हौसलों को,
आपके सपनों को, आपके आत्मविश्वास को,
चाहकर भी नहीं तोड़ सकती,
चाहे वो कितनी भी कोशिश कर लें।
लेकिन वही जब आप पूर्णतः
अपनी ही नजरों से ही गिर जाएंगे ना,
तब आपके जीवन रुपी नौका को,
मझधार में डूबने से कोई नहीं बचा सकता,
आपको डूबने से बचाने की,
चाहे कोई कितनी भी कोशिश कर लें।
(इसलिए आप – हम सब हमेशा ही अपने नजरों में रहें । ऐसा करने पर ही हम, आप सब संघर्ष रुपी इस जीवन में सदैव अपनी – अपनी विजय – पताका लहरा पाएंगे, हर मुसीबतों, हर बाधाओं के ऊपर और लिखेंगे अपनी कामयाबी की दास्ताँ जिसकी आवाज सदियों सदियों तक रह पायेंगी इस नश्वर संसार में।)
यादों के खंडहर
यादों के खंडहर में कैद हैं,
जीवन के अनगिनत लम्हें,
जो लौटकर आते नहीं कभी।।
हाँ, वो जो अनगिनत लम्हें हैं ना,
वो कुछ खुशी के तो कुछ गम के हैं,
हाँ, वो ही बन गये हैं अतीत ।।
आ जाते हैं उभरकर कभी – कभी,
आंखों की गहराइयों में,
वो लम्हें हकीकत नहीं, प्रतिच्छाया बनकर।।
होता है जब कभी ये चंचल मन स्थिर कभी,
तन्हाई और अकेलेपन में खुद को पाकर,
हंस देता है कभी-कभी, रो देता है कभी-कभी।।
और निभाती है तब साथ उस चंचल मन का,
बस सिर्फ आंखें, दिल, और ओंठ ही।।
प्राप्त कर लेती है अमरत्व को
प्राप्त कर लेती है अमरत्व को,
कुछ प्रेम कहानियाँ,
कर देती है स्वयं को समर्पित,
जो समस्त संसार की खुशियों में,
अपनी निजी खुशियों का दामन त्याग कर,
और बन जाती है उदाहरण,
समस्त प्रेम कहानियों के लिए,
सदियों तक इस नश्वर संसार में।
होती है बेहद ख़ूबसूरत,
कुछ प्रेम कहानियाँ,
जो प्राप्त कर लेती है अपनी मंज़िल.
और बिखेर देती है चहुँ ओर खुशियाँ,
अपनी निजी खुशियों के रंगों में रंग कर,
और बन जाती है उदाहरण,
समस्त प्रेम कहानियों के लिए,
सदियों तक इस नश्वर संसार में।
लेखिका: आरती कुमारी अट्ठघरा ( मून)
नालंदा, बिहार