प्रेरणादायक विचार
![सब्र का बाँध](https://www.ekksoch.com/wp-content/uploads/2021/01/सब्र-का-बाँध.jpg)
सब्र का बाँध
सैलाब की तरह बह जाता है इंसान,
जब सब्र का बाँध टूट जाता है।
टूटते, बिखरते अल्फ़ाज़ों में ख़ुद को,
कभी समेटता, कभी दूसरो को चोट देता है।
![जहाँ समस्या है वहाँ हल है](https://www.ekksoch.com/wp-content/uploads/2021/01/जहाँ-समस्या-है-वहाँ-हल-है.jpg)
जहाँ समस्या है वहाँ हल है
हल समस्या का कोशिशो से सफल हो जाता हैं,
जहाँ समस्या है वहाँ हल, ख़ुद-ब-ख़ुद निकल आता हैं।
आँखे बंद कर लेने से समस्याएँ टल नहीं जाती हैं,
और ठहर जाने से रास्ते बदल नहीं जाते हैं।
![चलो क़दम बढ़ाते हैं](https://www.ekksoch.com/wp-content/uploads/2021/01/चलो-क़दम-बढ़ाते-हैं-1024x951.jpg)
चलो क़दम बढ़ाते हैं
पथरीले रास्तों पर दरारे साफ दिखाई दे रहे हैं,
ज़ख्मी क़दमों के निशान छोड़ते जा रहे हैं।
इंतज़ार में ठहर कर समय को चोट नहीं देना हैं,
चलो क़दम बढ़ाते हैं मंज़िल सामने दिखाई दे रही हैं।
– Supriya Shaw…✍️🌺