मुंबई ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने आखिरी सांसे ली

लता मंगेशकर
फोटो गूगल सर्च से लिया गया है

6 फरवरी 2022 को भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में अपनी आखिरी सांसे ली।

28 सितंबर 1929 से 6 फरवरी 2022 तक का सफ़र – 

लता जी का जन्म 28 सितंबर 1929 में इंदौर मध्यप्रदेश में हुआ था। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर थे। वह भी एक कुशल रंगमंच गायक थे।

स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने अपने जादुई और मनमोहक आवाज़ में 25 भाषाओं में गाना गाया है।

 इनकी छवि एक पार्श्व गायिका के रूप में प्रसिद्ध रही है। उनकी सुरीली आवाज़ में वह जादू है जिसको सुनकर जाने कितनों की आंखों में आंसू आ जाते, तो कितने मन मुग्ध होकर खो जाते, वहीं सरहद पर बैठे जवानों को हौसला मिल जाता, तो कहीं किसी की ख़ुशी का कारण बन जाता है।  किसी ना किसी तरह उनकी आवाज़ दिल को छू लेने वाली आवाज़ है।

लता मंगेशकर के संघर्ष के दिन

सफ़लता आसान नहीं होती है हर किसी के लिए, उनके लिए भी संघर्षपूर्ण रही। लता जी को भी अपने शुरुआती दिनों में कई संगीतकारों ने उनके पतले आवाज़ की वज़ह से गाने से मना कर दिया करते थे। उनकी तुलना प्रसिद्ध पार्श्व गायिका नूरजहां के साथ की जाने लगी थी। लेकिन अपनी मेहनत और काबिलियत के बल पर लता जी को अपार सफ़लता मिली और उनकी गायकी को फिल्म जगत में एक मज़बूत स्थान मिला। 

सफ़लता के दिन

लता जी की प्रतिभा को 1947 में पहचान मिली, जब वह फ़िल्म ‘आपकी सेवा में’ उन्होंने गीत गाया था। उसे लोगों ने बहुत सराहा और फ़िर एक के बाद एक कई फ़िल्मों में उन्हें गाने का मौका मिलता चला गया। 

लता जी ने 25 भाषाओं में 50,000 से भी ज़्यादा गाना गाए हैं। उन्होंने बड़े-बड़े संगीतकारों के लिए गाना गाया है। एस डी बर्मन, मदन मोहन, अनिल विश्वास, शंकर जयकिशन, नौशाद, सी रामचंद्र, सलिल चौधरी, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल जैसे सभी संगीतकारों ने उनके काम को सराहा है और उनके लिए अनेकों गाने लता जी ने गाए हैं। लता जी ने 712 गाने संगीत निर्देशक लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के लिए गाए हैं।

लता जी को अनगिनत अवार्ड, पुरस्कार, सम्मान मिले हैं। जिसकी एक छोटी सी सूची नीचे दी हुई है।

1994 में, फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला

2008 में, भारत की आजादी के 60 वीं वर्षगांठ स्मृति के दौरान “लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड” से सम्मानित किया गया।

भारत सरकार पुरस्कार

1969 में, पद्म भूषण से सम्मानित

1989 में, दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित

1999 में, पद्म विभूषण से सम्मानित

2001 में, भारत रत्न से सम्मानित

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

वर्ष 1972 में, फ़िल्म परिचय के गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका

वर्ष 1974 में, फ़िल्म कोरा कागाज़ के गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका

वर्ष 1990 में, फ़िल्म लेकिन के गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका

फिल्मफेयर पुरस्कार

1959 में,  “आजा रे परदेसी” (मधुमती) के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका 

1963 में, गीत “कहीं दीप जले कहीं दिल” (बीस साल बाद) के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका 

1966 में, गीत “तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा” (ख़ानदान) के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका 

1970 में, गीत “आप मुझे अच्छे लगने लगे” (जीने की राह) के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका 

1995 में, गीत “दीदी तेरा देवर दिवाना” (हम आपके हैं कौन) के लिए फिल्मफेयर विशेष पुरस्कार 

इनके अलावा भी उन्हें कई अन्य पुरस्कार, सम्मान, उपलब्धियां है।

लता जी के प्रसिद्ध फिल्मों के गाने

उन्होंने जिन प्रसिद्ध फ़िल्मों में गाना गाए हैं उसमें दो आंखें बारह हाथ, मदर इंडिया, बरसात, दो बीघा ज़मीन, मुगल-ए-आजम, महल, एक थी लड़की, जंगली, मधुमति, बीस साल बाद, ख़ानदान, जीने की राह, हम आपके हैं कौन, ऐसे कई फिल्मों को अपनी आवाज़ देकर लोकप्रिय फिल्म बनाई है। उनकी आवाज़ के दीवाने कल भी थे आज भी हैं और सदा रहेंगे। उनका यह गाना – रहे ना रहे हम

सच है वह रहें या ना रहें उनकी आवाज़ हमेशा हम सब की धड़कनों में ज़िंदा रहेगी।

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