नाम, शोहरत, ज्ञान, व्यवहार से बनती अपनी पहचान है,
मेरी अपनी पहचान ही मेरा स्वाभिमान है।
क़दम-क़दम पर हर चुनौती स्वीकार कर आगे बढ़ी,
हर चुनौती पर मेरी नई पहचान बनी।
कितनी भी तीव्र प्रहार दे ज़िंदगी हमें,
आँसूओं को दिखाकर ना हम ख़ुद की पहचान देंगे।
रहेंगे अडिग अपने मक़सद पर, कमज़ोर ना ख़ुद को दिखलाएंगे,
ज़िंदगी के हर परीक्षा में हँसते हुए आगे बढ़ेंगे।
अपने लक्ष्य को ख़ुद पाना है
जीवन के संघर्ष का जंग चलता रहेगा,
जीत का जश्न, तो हार का दंश भी सहना पड़ेगा।
तपिश तेज हो मगर सागर कभी सूखता नहीं,
जिगर में आग हो तो लक्ष्य पाना मुश्किल नहीं।
मुसीबत आएगी डरा कर चली जाएगी,
धैर्य और साहस से, मौसम का मिजाज़ बदल जाएगा।
बढ़ा आत्मबल, बनकर सबल, आँधियों को चीर तु चलता चल,
लगन बढ़ा, चल निडर अपने लक्ष्य को ख़ुद पाना है।
केवल अपने स्वार्थ की नहीं दूसरों के हित की भी सोचो
केवल अपने स्वार्थ की नहीं दूसरों के हित की भी सोचो,
जज़्बात सीने में गर है तो ख्याल दूसरों का भी रखो,
क्या पता कल समय साथ दे ना दे, आज को संभाल कर रखो,
हर घड़ी हक़ में नहीं होती, ज़िंदगी के कुछ पल उधार भी रखो।।
जब सभी रास्ते बंद हो जायें तब ख़ुद अपनी राह बनाओं
जब सभी रास्ते बंद हो जायें,
तब ख़ुद से अपनी राह बनाओं,
मंज़िल का पता ना मिल पायें,
ख़ुद से कई सवाल करो।
हर सवाल एक रास्ता बन जायेगा,
मंज़िल भी बहुत पास नज़र आयेगी,
एक वक़्त वह भी आयेगा,
जब हर कोई तुमसे रास्तों का पता माॅंगेगा।।
– Supriya Shaw…✍️🌺