ख़ुद से उम्मीद
ख़ुद से उम्मीद, ख़ुद से एक वचन हर रोज लेती हूँ,
ख़ुद का विश्वास, ख़ुद से ही जीत लेती हूँ।
मुश्किलों के दौर में, लड़खड़ाते कुछ दौर गुज़रता ज़रूर है,
ख़ुद को हर दौर पर, खड़ा करने की कोशिश किया करती हूँ।
हार जाती हूँ मगर, गिरने ना देती हूँ ख़ुद को,
अपनी उम्मीदों पर, हर हाल में खरा उतरती हूँ।।