Month: February 2021

कविता – तुम उस अनश्वर प्रेम रंग में रंगे रहो

प्यार की कोई सीमा नहीं

कभी बेरंग न हो सके , तुम उस अनश्वर प्रेम रंग में रंगे रहो, 

दोस्तों को ही सिर्फ क्या, तुम अपने दुश्मनों को अपना कहो। 

नफरत की भावनाएँ जो उनके दिलों में तुम्हारे लिए पनपती है, 

देखना एक दिन वो भी बेइंतहा मुहब्बत में बदल जायेगी। 

जीवन में तुम्हारे हर वक़्त सिर्फ खुशियों की ही सौगातें आयेगी। 

चहुँ ओर तुम्हारे उदासी के जगह रौनक ही रौनक छा जायेगी। 

वो हर लम्हा, हर पल यादगार और सुनहरा पल  कहलायेगा, 

जब तुम हर परिस्थितियों में सबका साथ उसका निभायेगा। 

कभी बेरंग न हो सके , तुम उस अनश्वर प्रेम रंग में रंगे रहो, 

दोस्तों को ही सिर्फ क्या, तुम अपने दुश्मनों को अपना कहो ।

कविता – माँ का वात्सल्य

कविता – प्यार की कोई सीमा नहीं

प्यार की कोई सीमा नहीं है, 

यह अनंत आकाश की तरह है

जिसका कोई ओर- छोर नहीं है। 

यह बहता पवन की तरह है,

जिसे किसी भी तरह के बंधन में

कभी नहीं बांधा जा सकता है। 

यह निर्मल जल की तरह है, 

जो स्वयं में समाहित करके

सबके अस्तित्व को हमेशा

के लिए ही स्वच्छ बना देती है। 

यह धधकती अग्नि की तरह है, 

जो प्राणियों के अंत:करण में 

छिपी हुयी समस्त बुराईयों का

नाश कर अच्छाई का प्रदीप्त 

प्रकाश प्रज्वलित करती है। 

यह दोमट मिट्टी की तरह है, 

जो किसी भी रिश्तों में आयी 

छोटी सी दरार को भी 

विश्वास के साथ भर देती है।

प्यार की कोई सीमा नहीं है।

लेखिका: आरती कुमारी अट्ठघरा ( मून)

नालंदा, बिहार

बनावटी रिश्तों की सच्चाई

ड्राई हेयर को सिल्की करने के टिप्स

उषा पटेल

स्टाइलिंग टूल्स या कलरिंग से स्टाइल

किए केशों की बात ही अलग है! जहाॅं

केश सिल्की, कर्ली व कलरफुल 

हुए नहीं कि चलने का तौर-तरीका

बदला और पर्सनालिटी में आई

स्मार्टनेस! अब यही कॉन्फिडेंस

आप भी पा सकती हैं हर दिन, हर

समय! बस उन की केयर के लिए

निकालिए थोड़ा सा टाइम! आइए

जाने कैसे :

संकट के बादल छंट जाएंगे

               सिल्की व शाइनी हेयर

      🛑 केशों को धोने से 30 मिनट पहले जैतून या नारियल के तेल से मसाज करें! 

      🛑 केशों को हमेशा माइल्ड शैंपू कंडीशनर से ही धोएं! 

      🛑 कंडीशनर केवल केशों के सिरो पर ही लगाए! 

      🛑 धोने के बाद केशों को स्वभाविक रूप से सुखने दे! उन्हें रोजाना ब्लो ड्राई कर के न सुखाएं! 

      🛑 शैंपू या कोई भी हेयर प्रोडक्ट लगाते समय उसे पहले हाथों पर मले! फिर केशों में लगाएं! 

     🛑 केश जरूरत से ज्यादा ऑयली हो तो दिन भर में 2 बार ही कंगी करें! 

     🛑 केश बहुत ड्राई या घुंघराले हों तो ऑयल मसाज जरूर करें! क्योंकि रफ़ व घुंघराले केश धोने के बाद जल्दी उलझ जाते हैं! 

      🛑  कोई भी हेयरस्टाइल बनाने के बाद ज्यादा देर तक टिका रहें, इस के लिए स्टाइल बनाने के बाद उस पर हेयर स्प्रे कर लें और ब्लो ड्रायर से ठंडी हवा ब्लो करें! इसके अलावा मूज या जैल भी प्रयोग कर सकती हैं! 

     🛑 अल्कोहलयुक्त हेयर प्रोडक्ट्स इस्तेमाल न करें! 

     🛑 एक साइड से मांग निकालने के बजाय दूसरी साइड से भी मांग निकालें या ऊपर की और उठाकर केशों को सेट करें! 

     🛑 केशों को हाईलाइट करने के लिए चेहरे के आसपास के केशों को कलर कराएं! हाई लाइट हमेशा केशों को ऊपरी तरफ से करने के बजाय अंधरुनी तरफ से करें! 

     🛑 हेयर कलर लगाने से पहले माथे और कनपटियों के आस पास पेट्रोलियम जैली लगा लें! 

      🛑 केश छोटे हों या बडे, माह में 1 बार ट्रिमिंग जरूर कराएं! 

      🛑 सोने से पूर्व भी केशों में कंगी कर के व खुला छोड़ कर सोएं! अगर बांधती हों तो हल्का ढीला बांधे! 

     🛑 केशों को रूखा और बेजान होने से रोकने के लिए लीव इन कंडीशनर प्रयोग में लाएं! 

      🛑 डेंड्रफ या अन्य कोई स्केल्प इंफेक्शन न हो, इस के लिए अपना टावल, कंगी, तकिया आदि क्लीन रखें! 

      🛑 हेयर कलर केशों को शाइन, वाल्यूम देते हैं! इसलिए हेयर

एक्सपर्ट से यह सलाह अवश्य लें कि कौन सा कलर आप को ज्यादा सूट करेगा! 

तो दोस्तों आप भी ये करके देखिए और पाएं शाइनी व सिल्की हेयर….! 

मैं उषा पटेल अपनी दूसरी ब्लॉग में और ब्यूटी टिप्स के साथ आऊंगी।।

Beautician – Usha Patel

Chhattisgarh (C.G)

किसान आंदोलन – हक की लड़ाई

पार्लर में पेडीक्योर कैसे करते हैं

पेडीक्योर

हैलो दोस्तों में हूॅं उषा पटेल ब्यूटीशियनस आपको बताने जा रही हूॅं पार्लर में पेडीक्योर कैसे करते हैं?

आप ज्यादातर अपने चेहरे की खूबसूरती पर ध्यान देते होंगे! 

लेकिन एक नजर जरा अपने पैरों पर भी डालिए! 

ठंड आ गयी है, अपने पैरों पर भी ध्यान देना शुरू कर दीजिए! 

इसके लिए जरूरी है कि महीने में एक बार पैडिक्योर ज़रूर करवाएं! आप घर बैठे भी ख़ुद से पैडिक्योर कर सकते हैं! 

तो चलिए फिर आपके पैरों को खूबसूरत बनाने का काम शुरू करते है…! 

पैड़ीक्योर क्या होता है….. 

पैडिक्योर पंजों, पैरों, और नाखूनों के लिए एक ब्यूटी ट्रीटमेंट

है! पैडिक्योर करवाने के बाद आपके पैर और पंजे बिल्कुल साफ

और कोमल हो जाते हैं! पैडिक्योर में एड़ियों पर भी स्क्रब किया जाता है, जिससे वहाॅं की मृत कोशिकाएं साफ हो जाती है! 

पुरुष और महिला दोनों के लिए उपलब्ध होता है..! 

घर पर करें पैडिक्योर….. 

स्टेप 1 – पैडिक्योर शुरू करने के पहले

नेलपेंट को रिमूवर से अच्छी तरह से

साफ़ कर लें और फिर नेल्स की

फाइलिंग और ट्रिमिंग कर लें..! 

स्टेप 2 – एक टब में गुनगुना

पानी लें! इसमें एक- चौथाई कप

नमक, एक नींबू का रस और बॉडी

वॉश या शैंपू मिलाएं! पैरों को इसमें

डुबोने से पहले शहद से पैरों की

मालिश करें! इसके बाद पैरों को

इसमें 10 से 15 मिनट तक डुबोकर

रखें! इसके बाद साफ़ तौलिए से पैरों

को अच्छी तरह से पोंछ लें! 

स्टेप 3 – पैर नरम हो जाने के

बाद एड़ी की मृत त्वचा को हटाने

के लिए प्यूमिक स्टोन पर थोड़ा सा

शैंपू लगाएं और एड़ियों पर रगड़े! 

प्यूमिक स्टोन नहीं है तो इसकी जगह

पुराने टूथब्रश का भी इस्तेमाल कर

सकती है…! 

स्टेप 4- इसके बाद क्यूटिकल्स 

की सफाई करें! इसके लिए नारियल

तेल और ग्लिसरीन मिलाकर पैरों की

मालिश करें और क्यूटिकल पुशर की

मदद से इन्हें साफ़ करें! पैरों से टैनिंग

हटाने के लिए एक नींबू के स्लाइस को पैरों व नाखूनों पर रगड़े! 

टैनिंग हटने के साथ- साथ पीले पड़ चुके नाखून भी साफ़ होंगे! 

होंठो पर लिपस्‍टिक लंबे समय तक टिका कर रखने के टिप्‍स

स्टेप 5 – अब पैरों को एक अच्छे स्क्रब से करीब दस मिनट तक मसाज करें! चाहें तो होम मेड स्क्रब भी बना सकती है! इसके लिए एक चम्मच नींबू, दो चम्मच शक्कर और आधा चम्मच जैतून

का तेल मिलाकर पैरों को स्क्रब करें! इसके बाद पानी से धो लें और साफ़ तौलिए से पैरों को पोंछ लें…! 

स्टेप 6 – अब पैरों की मसाज करें! इसके लिए तीन

चम्मच गुनगुने नारियल तेल से तीन मिनट तक पैरों की मसाज करें फिर पैरों को गुनगुने पानी में डूबे तौलिए में पांच मिनट के लिए लपेटें! इससे पैर मुलायम होंगे और अतिरिक्त तेल निकल जाएगा! 

स्टेप 7- अब आखिर में नाखूनों पर अपनी पसंद का नेल कलर लगाएं! नेलपेंट लगाने से पहले और बाद में बेस कोट लगाना न भूलें! इससे नेलपेंट लम्बे समय के लिए टिका रहता है!

पैडिक्योर करने से न सिर्फ़ पैरों के पंजे, नाखूनों और उंगलियाॅं साफ़ होती हैं, बल्कि ये पैरों और एड़ियों को मुलायम रखने में भी

मददगार होता है! साथ ही यह पैरों से दाग – धब्बे मिटाने में भी कारगर है! 

   तो दोस्तों ठंड में घर पर करें पैडिक्योर..

उषा पटेल

Beautician – Usha Patel

Chhattisgarh (C.G)

कहानी – जादुई डायरी

कविता – नए भारत का निर्माण

नए भारत का निर्माण

एक सपना जो हर किसी भारतीय के आँख में पल रहा है

एक नए भारत का निर्माण करना जहाँ किसी भी जात – पात का भेदभाव ना हो , जहाँ सभी हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर रहें।

राजनीति जाति, धर्म ,आरक्षण के नाम पर नहीं बल्कि विकास के नाम पर हो, सुरक्षा के नाम पर हो ,रोजगार के नाम पर हो ,जहाँ सबका विकास हो ,जहाँ हर गाँव और शहर एक समान हो जहाँ हर नारी सुरक्षित हो, जहाँ हर बच्चे को शिक्षा मिले, जहाँ स्वास्थ्य सुविधा हर वक्त उपलब्ध हो।

कोई बेरोज़गारी ना हो, कोई भूख से दम ना तोड़ दे …

एक ऐसे नए भारत का निर्माण करना है हमें मिलकर जहाँ

शिक्षा का स्तर सुधरे और प्रत्येक भारतीय को शिक्षा, स्वास्थ्य ,रोजगार ,भोजन ,आवास की सुविधा मिल पाए आत्मनिर्भर भारत का सपना – सपना ही बनकर ना रह जाए।

धीरे-धीरे ही सही मिलकर प्रयास करेंगे भारत के नींव को और मजबूत बनाएंगे।

विश्व पलट पर तिरंगे को और ऊंचा फहराएंगे उससे पहले ये ओछी राजनीति को दूर भगाएंगे। कोई किसान फिर कर्जे के कारण आत्महत्या ना कर ले , काश ऐसा हो जो अन्नदाता कहलाता है उसके बच्चे कभी भूखे ना सोए बहुत जरूरी है ये सब कुछ सोचना, बदलाव लाना और एक नए भारत का पुनर्निर्माण करना।

“एक नया बदलाव लाना है “

कलम की ताकत का सबको एहसास कराना है,

नित सकारात्मक लेखनी से विचारों में एक नया बदलाव लाना है।

जाति धर्म का भेद मिटा कर फिर अखंड भारत का निर्माण करना है,

तोड़ बेड़ियाँ संकुचित विचारधारा की उन्मुक्त गगन में उड़ना है।

“वसुधैव कुटुम्बकम्” को मिलकर फिर से परिभाषित करना है,

पूरब ,पश्चिम ,उत्तर ,दक्षिण सभी दिशाओं में भारत को अग्रषित करना है।

खो रही इंसानियत को पुनः सभी इंसानों में जीवित करना है,

एकजुट हो सब बड़े संग – साथ एक ऐसी कड़ी को निर्मित करना है।

दूर हो भ्रष्टाचार भारत से कुछ ऐसा मिलकर प्रयास करना है,

सत्य, अहिंसा, सदाचार, परोपकार का हम सबको मिलकर पालन करना है।

गाँव हो या शहर मिलकर सबका विकास करना है,

भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार मिले सबको कुछ ऐसा बदलाव करना है।

हर बेटी रहें सुरक्षित जहाँ एक ऐसे समाज का निर्माण करना है,

तुम और मैं मिलकर बन जाएं “हम” चलो मिलकर एक सशक्त भारत का निर्माण करना है।।

लेखिका: सीता वोरा

कविता – माँ का वात्सल्य

माँ का वात्सल्य

बनना  पड़ता है एक माँ को भी कभी – कभी पत्थरदिल,

ताकि अपने संतानों में मजबूती के साथ सत्संस्कार  रूपी पौधे को रोप दे, 

भावी जीवन के सुनहरे सफ़र के लिए कुछ  कर्तव्य , आवश्यक कार्य सिखा सके,

कोई कभी भी उसके संतानों के आत्म सम्मान को ठेस ना पहुँचा सके , 

उसे मिली है जो परवरिश उस पर कोई कभी भी उंगली ना उठा सके,

एक माँ के लिए यह कार्य आसान नहीं कभी होता है,

अपने संतान को तकलीफ़ में देख उसका दिल बहुत रोता है।

कविता – नारी के रूप अनेक

कविता- वो एक मिनट

याद भी नहीं होगा उसे तो, 

वो एक मिनट जब गोद में, 

पहली बार वो मेरी आया था।

सारी दुनिया को सिमटाकर वो, 

मेरी सम्पूर्ण ज़िंदगी की, 

आस कहलाया था।

जिन नन्हीं-नन्हीं, 

उंगलियों को थाम, 

मैंने मातृत्व का, 

सुखद एहसास पाया था।

खुश थी देखकर, 

जब समय के साथ, 

मैंने उसे दृढ़ता से, 

चलता हुआ पाया था।

आज वही बेटा, 

मेरा हाथ थाम, 

वृद्धाश्रम मुझे, 

सदा के लिए,

छोड़ने आया था।

लेखिका:  प्रिया कुमारी 

फरीदाबाद

कविता — देखा है मैने 

देखा है मैने कुछ लोगों को,

अजनबियों की खुशी के लिए ,

उनके सुख और भलाई के लिए, 

अपने अस्तित्व को ही दाँव पर लगाते।

बिल्कुल मोमबत्ती की ही तरह,

जो स्वयं की फिक्र किये बिना, 

अपने खून का एक – एक कतरा,

निस्वार्थ भाव से  खर्च कर देते हैं।

गम के काले घने अंधकार को मिटाने के लिए, 

उनके जीवन में नव – आशा से भरी,

 बसंत – बहार लाने के लिए,

 हमेशा – हमेशा के लिए  छोड़ देते हैं,

उनके सुनहरे यादों में मौजूदगी अपनी,

अच्छाई और सच्चाई की।

कविता — हर क़दम पे मुश्किल

जीवन के हर एक कदम पे मुश्किल तो आकर खड़ी हो ही जाती है, 

लेकिन रहता संग जब अपनों का साथ, तब जीत बड़ी हो जाती है। 

अपनों का साथ हमेशा ही अंतर्मन को बहुत सूकून दे जाता है, 

हृदय की गहराइयों में उठते भय रुपी पीर को हर ले जाता है। 

स्वयं की शक्तियों पर किये गये विश्वास का दायरा बढ़ जाता है, 

निराशा के अंधेरे में उम्मीद का प्रकाश अपनी परवान चढ़ जाता है । 

अपने बुलंद हौसले के संग निडर हो सफर में आगे तभी बढ़ पाता हैं,

करके अथक मेहनत आखिर में वही सच्ची कामयाबी को पाता हैं।

लेखिका: आरती कुमारी अट्ठघरा ( मून)

नालंदा, बिहार

Beauty And Cosmetics tips

होंठो पर लिपस्‍टिक लंबे समय तक टिका कर रखने के टिप्‍स

Lipsticks

लिपस्टिक को लंबे समय तक लगाए रखने

के लिए बार-बार इसके कोट लगाने से होंठ 

खराब होते है और  लिपस्टिक भी अच्छी नहीं

दिखती। कोट लगाने के बजाय कुछ उपाय

आजमा सकती है। 

आइए जानते है….. 

   लिपस्टिक मेकअप में बेहद अहम है। 

इसके बिना मेकअप पूरा हो ही

नहीं सकता। लेकिन महिलाओं की अधिकतर

ये शिकायत होती है कि वे कितने ही अच्छे

ब्रांड की लिपस्टिक ख़रीद लें वो अधिक समय

तक टिकती नहीं है। यदि आपकी भी यही

शिकायत है तो इन उपायों को आजमाकर

देख लीजिए। 

      ❣ नमी का आधार रहें….. 

लिपस्टिक लगाने से पहले स्क्रबिंग

कर लें। इससे फटे होंठ भी मुलायम बनेंगे और

मृत त्वचा भी निकल जाएगी। इसके बाद होंठो

को साफ करके लिप बाम या मोईश्चराइजर 

लगा लें। अब लिपस्टिक लगाएं, इससे 

लिपस्टिक ज्यादा देर तक टिकेगी। एक या दो कोट

अपने मुताबिक लगा सकती है। 

     ❣ लिप लाइनर….. 

लिप लाइनर हमेशा लगाएं। ये

लिपस्टिक को होंठ के बाहर जाने से रोकते

है और इससे लिपस्टिक टिकी भी रहती है। 

आउटर लाइन के अलावा पूरे होंठो पर भी

लाइनर को लगाएं इसके उपर लिपस्टिक

लगा सकते है। इससे लिपस्टिक जमी रहेगी

और फैलेगी भी नहीं। 

     ❣ ब्रश का इस्तेमाल….. 

लिपस्टिक को लगाने का सही तरीका

ब्रश से ही होता है। इससे लिपस्टिक अच्छी

तरह से होंठ पर लगती है। और लंबे समय तक

बनी रहती है। ब्रश से लगाने पर शेप भी बढ़िया

आता है। इसलिए लिपस्टिक यदि स्टिक

वाली भी है तो उसे ब्रश से लगा सकते है। 

     ❣ लिप प्राइमर लगाएं…… 

   आजकल लिप प्राइमर भी काफी

पसंद किए जाते है। इन्हें लगाने से लिपस्टिक

का रंग भी खिलकर दिखता है और होंठ

भी ताजगी भरे दिखते हैं। इसके साथ ही ये

लिपस्टिक को अधिक समय तक रोककर

रखता है। ये आसानी से बाज़ार में उपलब्ध हैं। 

      ❣ फ्रीज़ में रखें…… 

    सौंदर्य उत्पादों को फ्रीज़ में रखना

चाहिए। इससे ये लंबे समय तक चलते है। 

यदि पहले से रख नहीं पाई है तो लिपस्टिक

को लगाने से पहले कुछ देर के लिए फ्रीज़ में

रख दें। इससे ये अधिक समय तक टिकेगी

और मैट फिनिश देगी। 

        ❣ ब्लोटिंग करें… 

  लिपस्टिक लंबे समय तक टिकी रहे

इसके लिए ब्लोटिंग बहुत जरूरी है। 

इसके लिए होंठ पर पहले टिशु पेपर रखे। 

फिर ब्रश पर कोई भी टेलकम पाउडर लगाकर

टिशु पेपर के उपर अच्छी तरह लगाएं, ताकि

पाउडर आपकी लिपस्टिक की एक्स्ट्रा शाइन

निकाल दें। और आपकी लिपस्टिक मैट नज़र आए। 

ऐसा करने से आपकी लिपस्टिक चाय के कप

या जूस के ग्लास पर नहीं चिपकेगी। और लंबे

समय तक टिकी रहेगी। 

    तो दोस्तों I hope आपको पसंद आए। 

       धन्यवाद 🙏

Beautician: Usha Patel
Chhattisgarh, Durg

कुछ साथी सफ़र में छूट गए

कुछ साथी सफ़र में छूट गए

वो एक मिनट

नारी के रूप अनेक

कुछ साथी सफ़र में छूट गए।

कुछ साथी बेवजह रुक गए।

कभी एक काफिला, कहलाया करते थे हम। 

एक-एक कर उसमें से, लोग होते गए कम। 

हर किसी मोड़ पर, हम अलग होते गए। 

सारे साथी फिर, कहीं खोते गए। 

अब ज़रा हमारे बीच, आया है अहम। 

वो नहीं याद करते हमें, पाला ये वहम। 

बस सबके दिल में है, एक चाहत।

पर एक-दूसरे को करने में, लगे है आहता। 

बढ़कर कोई हाथ, नहीं बढाता। 

इच्छाएं अब कोई बैठ, काफिले में नही सुनातIII 

बिना वजह हम, अपने साथी छोड़ आए। 

अब तक बैठे है, उनसे मुॅंह फुलाए।

कहानी – बनावटी रिश्तों की सच्चाई

यूँ शाम उतरती है दिल में

यूँ शाम उतरती है दिल में। 

जब कुछ मीठी यादें होती है संग में।।

हमारे पागलपन को, सहने की क्षमता हो,जब किसी में||

हर पल मुस्कुराहट की समरसता हो जिसमें|| 

यूँ शाम उतरती है दिल में। 

जब कोई हर बेवकूफी को हमारी, हँस के सह ले|| 

दो-चार डाट लगाने के बाद ही सही, पर हमें मना ले।। 

सुबह की लड़ाई को, जो शाम तक भुला दे|| 

हमे झकझोर कर सही, पर मीठे बोल सुना दे|| 

यूँ शाम उतरती है दिल में। 

जब कोई हमारी, हर चाहत पूरी करे|| 

मन रखने को हमारा, पूरी कोशिश करे|| 

हर बन्धन को तोड़, जो हमारे मन की करे।। 

हर मुश्किल घड़ी में, जीवन भर साथ खड़े रहे।। 

तब यूँ शाम उतरती है दिल में। 

जब कुछ सुनहरे पल होते है,संग में||

कुछ लोग मिले थे राहों में

सफर शुरू हुआ धरती के गलियारों में,

कुछ लोग मिले थे राहों में। 

जब जिसकी जरूरत पड़ी मिलते गए,

वक़्त के साथ फिर बिछड़ते गए।। 

देने को दे गए ढेरों सीख,

कुछ लोगों में भरी थी खीस।। 

जी बेवजह की हँसी हँस, डराते रहें,

काम शुरू होने पर, उदासी से भर जाते रहें।

अब तक मन को लगा है डर क्यों,

न हुई वो मेहनत सफल।। 

कहीं किसी के तानों की, वजह न बन जाऊँ।।

होकर असफल अजीब सी, हँसी में न फंस जाऊँ।

मेरे लिए वो था एक टास्क, 

जिसको नहीं दिया उसको हुआ न एहसास।। 

सफ़र की शुरुआत हुई है, 

अभी तो कुछ लोगों से और मिलना बाकी है।।

कुछ तानो में सिमटकर आगे बढ़ना ही काफी है।।

लेखिका:  प्रिया कुमारी 

फरीदाबाद

भारतीय संस्कृति और वैलेंटाइन सप्ताह

 

उषा पटेल

भारतीय संस्कृति भी आज वैलेंटाइन सप्ताह के रंग में पूरी तरह

रंग चुकी है। 

    नवयुवक और नव युवतियाॅं अब खुलकर मोहब्बत का इज़हार करते हैं। जबकि भारतीय संस्कृति में यह दिन बहुत महत्वपूर्व माना जाता है और वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। 

    मगर आज हम अपनी संस्कृति को भूलकर पाश्चात्य सभ्यता के रंग में रंगते जा रहें है। 

    मोहब्बत का इज़हार करना गलत नहीं है, मगर अपनी सभ्यता के दायरे में रहकर ही वो मुकाम पाती है। 

   भारतीय संस्कृति में प्यार को बड़ा महत्व दिया गया है। 

 हमारी संस्कृति प्रेम के मार्ग पर चलकर ही फलीभूत हुई है।

प्यार के बिना हमारा जीवन अधूरा सा है। यहाँ पर राधा कृष्ण का प्यार, राम सीता, जोधा अकबर, मुमताज शाहज़ाह जैसे अनेक नाम प्यार की धरोहर है। 

प्यार से हर रंग महकता है। प्यार दिलों का अनोखा बंधन है। 

इसमें डुबकर गुलशन भी महक जाते है। 

पर अब हमारे समाज में इसे जाति में विभाजित कर दिया है। 

इससे आने वाली पीढ़ियाँ प्रभावित हो रही है और ये आने वाले कल के लिए अच्छा नहीं है। 

     फरवरी को हम प्यार का महिना के रूप में मनाते है। हर दिन कुछ ना कुछ डे मानते है जैसे

❣ 7 Rose day

❣ 8  propose day

❣ 9 chocolate day

❣ 10  Teddy day

❣ 11 promise day

❣ 12 Hug day

❣ 13 kiss day

❣ 14 Valentine’s day

  इस दिन हर कोई दिल खोलकर अपने प्यार का इज़हार करता है, चाहे कोई भी हो। 

 वैसे सनातन इतिहास की बात करें तो वेदों, शास्त्रों के पन्ने पढ़ने के बाद भी वैलेंटाइन डे, मातृ- पितृ दिवस, फादर्स दे, mother’s day, चॉकलेट डे, टेड्डी दे, रोज डे, किस डे, हग डे की कोई जानकारी नहीं मिलती। 

        आज वैलेंटाइन डे ( Valentine’s day) बना मार्केट….. 

वैलेंटाइन डे अब एक इंटरनेशनल मार्केट का रूप ले चुका है। 

होटल, पब, रेस्टोरेंट, मूवी थिएटर, कैफे, शॉपिंग मॉल सब इस दिन का बिज़नेस का रूप दे चुके है। 

हैरत की बात यह है कि वैलेंटाइन डे के नाम पर अब प्यार का इजहार खुलेआम होने लगा है। 

लोगों को खुद अपनी ज़िंदगी जीने दो, जो जैसे जीना चाहता है उसे निरापद जीने दो। 

लेखिका : उषा पटेल

छत्तीसगढ़, दुर्ग

बनावटी रिश्तों की सच्चाई

बनावटी रिश्तों की सच्चाई

बनावटी रिश्तों की सच्चाई

आज आराध्या बिल्कुल ख़ामोश हो अकेले ही येलोस्टोन पार्क में बैठी हुई थी। हर दिन की तरह आज मोहित उसके साथ नहीं आया था। जब मैनें यह देखा तो यही जानने जिज्ञासावश आराध्या के पास गयी कि आज वो अकेली यहाँ कैसे, मोहित आज क्यों उसके साथ नहीं आया और मैं आराध्या के पास जा बैठी  उससे कुछ मैं पूछती इससे पहले ही आराध्या मुझे अपने पास पाकर मुझे गले से गला लिया और फफक-फफक कर रोने लगी और कहने लगी — प्यार करना गलत है क्या आरती, कोई गुनाह है क्या प्यार करना , मेरी जिंदगी बर्बाद हो गयी मेरी  दुनिया उजड़ गयी। यह सब सुनकर मैंने पहले आराध्या को चुप कराया और उससे सारी बातें पूछने लगी आखिर क्या हुआ ऐसी बहकी – बहकी बातें क्यों बोल रही हो? मोहित तो तुमसे बहुत प्यार करता है। यह बात सुनकर वो बोल उठी – मोहित मुझसे कोई प्यार – व्यार नहीं करता है वो तो किसी और से प्यार करता है। उसने मुझे धोखा दिया है। वो तो दिव्या से प्यार करता है, वहीं दिव्या जिसने रोहन को अपने झूठे प्यार में फंसाकर उसकी ज़िंदगी, उसका कैरियर सबकुछ तबाह कर दी थी। और अब वो मोहित को अपने जाल में, झूठे प्रेम में फंसाकर मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर रही है।

2020 की यादें…

मैंने जब मोहित को दिव्या की सच्चाई बताने की कोशिश की तो मोहित उल्टे हमपर ही गुस्सा करने लगा और कहने लगा तुम हमपर शक कर रही हो। और कौन दिव्या ? मैं कोई दिव्या को नहीं जानता जबकि मैने उसे ना जाने कितनी बार मोहित को दिव्या के साथ होटल में, शाॅपिंग माॅल में देखी हूँ। फिर उसने कहा जिस दिव्या की तुम बात कर रही हो वो ऐसी – वैसी लड़की नहीं है, वो तो बहुत ही अच्छी और नेक लड़की है। और हमसे झगड़ने लगा फिर आखिर में धक्के मारकर मुझे घर से निकल जाने को कह दिया । जब मैं वहाँ से जाने लगी तो कह दिया कभी लौटकर फिर मत आना तुम्हारी कोई जरूरत नहीं हमें। दिव्या ने जो कहा था हमसे उनसे आज कर दिया, मोहित को हमसे छीन लिया। मैने रोहन को दिव्या की सच्चाई बताई थी तब ही दिव्या हमसे कही थी देखना एक दिन तुमसे तुम्हारा मोहित मैं छीन लूंगी। तुम मोहित से बहुत प्यार करती हो ना, मोहित से तुम्हे मैं अलग कर दूंगी। देखो दिव्या ने आज वही किया, आरती। मैं ये सबकुछ सुनकर हक्का – बक्का रह गयी आखिर मोहित इतना कैसे बदल गया वो तो आराध्या की हर एक बात अपनी सर ऑंखों पर रखता था। मैने समझा- बुझाकर कर आराध्या को अपने घर ले आयी और कही मैं मोहित से बात करूँगी इस बारे में जब मोहित इस रविवार को अनाथ बच्चों के लिए खाना लेकर मेरे N.G.O. ऑफिस में आयेगा तब। तुम अभी मेरे घर पर ही मेरे साथ रहो ।

आराध्या दिन – भर मोहित की बातें करके पहले खुश होती फिर वो सब वाकया याद करके रोने लगती । आराध्या जैसी बिंदास लड़की की ऐसी हालत मुझसे देखी नहीं जा रही थी लेकिन मैं भी क्या करती आराध्या ने मोहित के घर जाने से मुझे मना कर दिया था दिव्या जो मोहित के साथ रह रही थी इसीलिए । 

देखते  ही देखते रविवार आखिर ही आ गया। आराध्या ने हमें अपना ऑफिस जाते वक्त याद दिलाया – आरती आज मोहित से तुम मिलोगी ना।  हमने हामी भरते हुए कहा – हां , आराध्या आज मैं मोहित से जरूर मिलूँगी और पूरी कोशिश करूँगी तुम दोनों के बीच की सारी ग़लतफ़हमियाँ दूर हो जाए। यह सुनकर आराध्या के ख़ुशी का ठिकाना ना रहा। मोहित हर बार की तरह अकेले ही मेरे मेरे N.G.O. ऑफिस बच्चों के लिए खाना लेकर आया था । तभी मैने रोहन और आराध्या को भी फोन करके अपना N.G.O. ऑफिस बुला ली। रोहन ने पहले तो आने से मना किया पर जैसे ही आराध्या के बारे में सबकुछ बताया वो आने के लिए झट से तैयार हो गया और कहा आराध्या ने ही तो हमें दिव्या जैसी अपराधिक मानसिकता वाली लड़की से बचाया है अब उसे बचाने की मेरी बारी है। मैने मोहित को भी कहा दिव्या को लेकर नहीं आये, उसे भी यहाँ बुला लो ना हम भी उससे थोड़ा मिल लूं । वो मेरी बात मान गया । रोहन आराध्या और दिव्या तीनों मेरे ऑफिस आ गये। दिव्या ने जैसे ही रोहन को देखा वो वहाॅं से भागने लगी पर मोहित और मैं दोनों ने किसी तरह रोक ली । फिर रोहन ने सबूत के साथ दिव्या की सारी सच्चाई मोहित को बता दिया। मोहित सबकुछ देखकर सुनकर हैरान रह गया और उसे अपनी गलती का अहसास हो गया। वो आराध्या से माफ़ी मांगने लगा और दिव्या को पुलिस के हवाले कर दिया। आराध्या के जीवन से दिव्या नाम का संकट हट गया और आराध्या मोहित की ज़िन्दगी में फिर से बहुरंगी ख़ुशियों की लहर दौड़ गयी।

गुस्सा भी नुकसानदायक होता है

लेखिका: आरती कुमारी अट्ठघरा ( मून)

नालंदा, बिहार

नारी के रूप अनेक

नारी के रूप अनेक

हिंदी दिवस से संबंधित कविता पढ़ें

काली की भयंकर कोमल छवि प्रिया हूँ मैं, 

अत्यंत क्रोध, रोष का समावेश है मुझ में। 

ग्लानि, दुःख, प्रेम से अनभिज्ञ रहती हूँ मैं, 

झलकता है अद्धभुत-सा अहंकार मुझ में। 

शक्ति रूपिणी तेज़ धार वाली कुठार हूँ मैं,

सर्वोत्तम क्षमताओं का समावेश है मुझ में। 

प्रतीत होती भले निरीह, लाचार, अबला हूँ मैं, 

पर राह बनाती हुई स्वयं की सबला है मुझ में।

कुदरत का दिया इस जग में मौजूद श्राप हूँ मैं,

ईश्वर प्रदत्त अनोखा हुनर विराजमान है मुझ में। 

बन जाती अकसर सबकी हँसी का पात्र हूँ मैं, 

समाज के व्यंग्यातमकता का निवास है मुझ में। 

कई जख्मों से लबरेज़ संसार की चिड़िया हूँ मैं,

इस जग को कमतर-सी दिखती प्रिया है मुझ में।

प्रेरणादायी एक लड़की

प्रेरणादायी एक लड़की 

मस्त-मगन सी अपने धुन की पक्की , 

बड़ी तो हो गई पर है दिल की बच्ची, 

सोच ठहर पाती नहीं है कहीं उसकी, 

जाना कहाँ है कोई राह नहीं दिखती,

सपने अजीबो-गरीब पलको में है रखती, 

क्या ऐसी नहीं है दुनिया में कोई हस्ती, 

जो पूरे कर दे उसके हर अरमान सस्ती, 

हर रिश्ता अपने बचपने में है छोड़ती, 

जो जी आता है उसके वही सोचती, 

बड़ी-बड़ी प्रेरणादायी बातें है सुनाती, 

ख़ुद को हमेशा सबसे कमतर आंकती, 

जब बारी आ जाएं न कभी उसकी, 

ज़िन्दगी से खूबसूरत मौत है लगती, 

बड़ी गहराई से ताने-बाने है समझती, 

देखकर लगती है गूंगी सी एक लड़की, 

विचारों में उसके है दिव्य कोई शक्ति, 

सहने की क्षमता नहीं रखता कोई हस्ती, 

कुछ इसी तरह मानी जाती है वो विपत्ति,

समाज के अजीब तानों-बानों सी है रिक्ति,

हाँ! वो कहलाई जाती है अभागी लड़की। ।

अनसुलझे किस्सों की रही कई पहेलियाँ

हम अपने विचार सभी से साझा करते रह ही गए। 

वो आए एक बार जिंदगी में हमारी और रह ही गए।

मन के सारे राज़ों को हमने अपने लिखकर कैद किया,

फिर भी हमारे कुछ राज़ थे जो अनकहे से रह ही गए।

सबने एहसासों को हमारे समझा अपना समझकर, 

पर फिर भी वे केवल वाह के मोहताज़ रह ही गए।

अनकहे अनसुलझे किस्सों की रही कई पहेलियाँ, 

जो जुड़े थे जिससे वो भी नासमझ बनते रह ही गए।

खेल गई एक मनमोहक दांव ये जिंदगी भी अपनी, 

और फिर हम उनके रंग में रंगकर रंगे रह ही गए।

कितने ही गहरे घाव वक़्त हर पल हमें देता गया, 

एक हम थे नारी की हमेशा सँभलकर रह ही गए।

लेखिका:  प्रिया कुमारी 

फरीदाबाद

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